पियरवा घर आओ, घर आओ
तुम बिन जियरा,सजनवा, देवो दरसवा
मानो बिनती मोरी,सैय्या
एरी पियरवा ...
कासे कहूँ अब तरप तरप जिया
दिन नही चैन , रैन नहीं निंदिया
बिरह सतावे तरपत मोरा जियरा
एरी पियरवा ...
- राग बागेश्री , तीनताल
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment