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Tuesday, August 18, 2009

जारे जारे जारे कान्हा

जारे जारे जारे कान्हा
तोसे नाही बोलू
तू तो करत धिटाई
हू तो बार बार वारि जाऊ कान्हा

रसभरी तोरी बतिया न मानु
जाओ छलिया प्रीत न जानू
छेडो न ब्रिज की नारी जारे कान्हा

- राग बागेश्री

Tuesday, August 4, 2009

रुतु बसंत आयी सजनी

रुतु बसंत आयी सजनी,
कोयलिया बोलन लागी

बन बन दर दरस खिले
छाए बहार बसंत की
फूल रही डाली डाली सजनी

- राग बागेश्री

Saturday, August 1, 2009

पियरवा घर आओ

पियरवा घर आओ, घर आओ
तुम बिन जियरा,सजनवा, देवो दरसवा
मानो बिनती मोरी,सैय्या
एरी पियरवा ...

कासे कहूँ अब तरप तरप जिया
दिन नही चैन , रैन नहीं निंदिया
बिरह सतावे तरपत मोरा जियरा
एरी पियरवा ...

- राग बागेश्री , तीनताल