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Wednesday, December 2, 2009

सैय्या ना करो इतनो गुमान रे

सैय्या ना करो इतनो गुमान रे
पैय्या परुंगी सौ सौ बार रे

 दिनरंग की तुम एक ना मानी
 मानी सौतन की सारी बतिया

- राग मालकंस, तीनताल

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