कोयलिया बोले अम्बुवा डाल पर
रुतु बसंत की देता संदेसवा
नया कलियन पर गुंजत भंवरा
उन्हीके संग करत रंग रलिया
वही बसंत की देता संदेसवा
- राग मालकंस, तीनताल
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नभी के दरबार सब मिल गावो वसंत रुतु की मुबारक
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