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Tuesday, November 3, 2009

शंकर शिव गंगाधर

शंकर शिव गंगाधर
गौरीधर सुखसागर

गौरतनु हास्यवदन
मदन दहन व्याघ्रासन
कर दर्शन हे पावन
सकल जीव सुर मुनिवर

- राग शंकरा

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